सोनिया-राहुल नहीं लेंगे भत्ता

27/11/2010 18:26

 टू जी स्पेक्ट्रम मामले पर संसद में शुक्रवार को लगातार 11वें दिन भी गतिरोध बरकरार रहा। जेपीसी की जिद छोड़ने के लिए विपक्ष को मनाने में नाकाम सत्तापक्ष ने अब नैतिक दबाव बनाना शुरू कर दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी समेत कांग्रेस के 80 सांसदों ने संसद ठप रहने पर अपना दैनिक भत्ता नहीं लेने का फैसला किया है। हालांकि विपक्षी दल भाजपा ने इसे कांग्रेस की मुद्दे से ध्यान हटाने की एक चाल करार दिया है। 


13 दिसंबर तक सत्र चलाने के रुख पर कायम
लोकसभा में सदन के नेता और वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने गतिरोध न टूटने को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए इसके लिए पूरी तरह विपक्ष को जिम्मेदार ठहराया। प्रणब ने कहा कि व्यवधान विपक्ष खड़ा कर रहा है, हम नहीं। उन्होंने दो टूक कहा कि सरकार जेपीसी नहीं बनाने और 13 दिसंबर तक सत्र चलाने के रुख पर कायम है। वहीं, संसदीय मामलों के मंत्री पवन कुमार बंसल ने बताया कि कांग्रेस सांसदों ने तय किया है कि वह 10 नवंबर से लेकर सत्र की समाप्ति तक अपना दैनिक भत्ता नहीं लेंगे। बंसल ने कहा कि यह व्यक्तिगत तौर पर किया गया फैसला है। संसद में ‘काम नहीं तो भत्ता नहीं’ के सिद्धांत का पालन किया जाना चाहिए। बंसल ने कहा कि जेपीसी की मांग राजनीति से प्रेरित है। सरकार ने हर आरोप की जांच के लिए कदम उठाए हैं। संसद में बहस को भी तैयार है। गौरतलब है कि संसद सत्र चलने पर हर सांसद को रोजाना 2,000 रुपये दैनिक भत्ता मिलता है। कांग्रेस के लोकसभा में 207 और राज्यसभा में 71 सदस्य हैं। काम नहीं होने पर भत्ता नहीं लेने के कांग्रेस सांसदों के ऐलान को भाजपा ने ड्रामा करार दिया। भाजपा प्रवक्ता प्रकाश जावडेकर ने कहा कि जेपीसी से ध्यान हटाने की इस चाल से हम विचलित नहीं होंगे। हमारी यह लड़ाई लोकतंत्र की रक्षा के लिए है। जेपीसी की मांग नहीं मान कर संसद में गतिरोध के लिए कांग्रेस जिम्मेदार है इसलिए जितने दिन गतिरोध बना हुआ है उसका भत्ता कांगे्रस पार्टी से लिया जाना चाहिए। 

गतिरोध पर चिंतित मनमोहन ने की चर्चा
टू जी स्पेक्ट्रम मामले की संयुक्त संसदीय समिति से जांच कराने की विपक्ष की मांग को लेकर संसद में जारी गतिरोध के मद्देनजर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बैठक की। बैठक में वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी, रक्षा मंत्री एके एंटनी, गृह मंत्री पी चिदंबरम और कांग्रेस अध्यक्ष के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल ने भी हिस्सा लिया। प्रणब संसद में बने गतिरोध को दूर करने के लिए विपक्षी नेताओं से दो बार बातचीत कर चुके हैं। हालांकि इन दोनों बैठकों का कोई नतीजा नहीं निकला है। अगले सप्ताह के शुरू में इस तरह की एक और बैठक होने का संकेत है। बिहार विधानसभा चुनावों के परिणाम आने के बाद कांग्रेस के शीर्ष नेताओं की यह पहली बैठक है। इस चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन निराशा जनक रहा है

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